जेएनयू : दिव्यांग छात्रों का पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रावास फीस बढ़ोतरी के खिलाफ सोमवार को पैदल मार्च के दौरान विद्यार्थियों की पिटाई के विरोध में बुधवार को दिव्यांग छात्रों ने पुराने पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। कई घंटे चले प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पूरे मामले की जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की। दोपहर को छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलकर मांगों का ज्ञापन सौंपा। इसी दौरान छात्रों ने पुलिस लाठीचार्ज के कुछ वीडियो भी अधिकारियों को सौंपे। अधिकारियों ने छात्रों को आश्वासन दिया कि वे पूरे मामले की जांच करवाएंगे। साथ ही एक सप्ताह के भीतर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी मिलवाया जाएगा। इसके बाद छात्रों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
सुबह करीब 9.30 बजे 40-45 दिव्यांग छात्र बस में सवार होकर पुलिस मुख्यालय के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। दिव्यांग छात्र पंकज सिंह कुशवाहा ने बताया कि पुलिस जबरन उनको वसंत कुंज थाने ले गई। वहां पुलिस छात्रों को गुमराह करती रही। छात्रों की योजना थी कि वह नए पुलिस मुख्यालय पर जाकर प्रदर्शन करेंगे। करीब डेढ़ घंटे छात्रों को वसंत कुंज थाने में रखने के बाद उनसे कहा गया कि वे पुराने मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सकते हैं। बाद में करीब 11.30 बजे छात्रों को बस में बिठाकर पुलिस आईटीओ स्थित मुख्यालय ले आई। दोपहर करीब 12.45 बजे छात्र पुलिस मुख्यालय के बाहर पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। दोपहर करीब 1.30 बजे सात छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस मुख्यालय में पहुंचा। वहां दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और मध्य जिला पुलिस उपायुक्त मंदीप सिंह रंधावा ने छात्रों से बातचीत की। छात्रों ने उनको अपना ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से छात्रों ने मांग की कि दिल्ली पुलिस अपने जवानों को दिव्यांग छात्रों के प्रति जागरूक करेगी। इसके अलावा मार्च में दिव्यांग छात्रों पर भी लाठीचार्ज करवाने के मामले की जांच कराई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए। एक सप्ताह के भीतर दिव्यांग छात्रों को पुलिस आयुक्त से मिलवाया जाए। इसके अलावा दिव्यांग छात्रों पर इस तरह की कार्रवाई आइंदा अपराध की श्रेणी में आएगी। ज्ञापन देने के बाद दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि छात्रों के आरोपों की जांच कराई जाएगी। इसके अलावा एक सप्ताह के भीतर छात्रों को पुलिस आयुक्त से मिलवाया भी जाएगा।