नई दिल्ली: मांगने पर नहीं मिली नियुक्ति, दिव्यांगों ने भीख मांग जताया विरोध
खास बातें
- काला दिवस के रूप में मनाया गया विश्व दिव्यांगजन दिवस
- मंडी हाउस पर भीख मांगकर जताया रेलवे और सरकार के खिलाफ रोष
देश के अलग अलग शैक्षणिक संस्थानों से बीए, एमए, एम कॉम की पढ़ाई के बाद रेलवे की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे दिव्यांगों ने मंगलवार को सड़कों पर भीख मांगकर अपना विरोध जताया। योग्यता एम कॉम लेकिन विकलांग होने की वजह से मांग रहे हैं भीख। दिव्यांगों की आवाजें सुनकर वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने उन्हें 10, 20 रुपये भी दिए...। रेलवे की रवैये से नाराज दिव्यांगों की जुबां पर यही दास्तां थी कि रेलवे से मांगने पर नौकरियां नहीं मिली लेकिन कम से कम मांगने पर भीख तो मिल रही है। विश्व दिव्यांगजन दिवस के मौके पर दिव्यांगों के भिक्षुक बनने पर हर व्यक्ति का यही सवाल था कि यह भीख क्यों मांग रहे हैं।
पिछले सात दिनों से संघर्ष कर रहे दिव्यांगों के चेहरे पर मंगलवार सुबह अधिक मायूसी दिखी। परीक्षा पास करने के बाद भी नियुक्तियां नहीं मिलने पर उन्होंने धरना और अनशन का रास्ता अपनाया। बावजूद इसके रेलवे की तरफ से राहत तो दूर, काला दिवस मनाने की घोषणा के बाद अधिकारियों ने सुध ली लेकिन औपचारिकता पूरी करने के बाद वह भी लौट गए।
काला दिवस मनाया
देश भर से रेलवे में नौकरी की उम्मीदें लेकर मंडी हाउस चौराहे पर इकट्ठा दिव्यांगजनों ने विश्व दिव्यांगजन दिवस पर भीख मांगकर रेलवे के प्रति अपना विरोध जताया।
रेलवे ने पूरी की औपचारिकता
प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों की मंगलवार को रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक एमएम राय से बातचीत हुई। अधिकारी ने रेलवे का पक्ष रखते हुए दिव्यांगजनों से समस्या बताने की अपील करते हुए सुझाव देने का भी प्रस्ताव दिया। लेकिन नियुक्ति के पहले दिव्यांगों ने रेलवे बोर्ड की ओर से सौंपे जा रहे उनके पक्ष से संबंधित कागजात लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले आठ महीनों से लगातार संघर्ष कर रहे दिव्यांगों की अब तक सुनवाई नहीं हुई।